जानकारी के लिये बता दें कि इस बार हैदराबाद के अनुदीप दुरिशेट्टी ने यूपीएससी टॉप किया है, वहीं हरियाणा की अनु कुमारी और सचिन गुप्ता क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे हैं। इस बार के नतीजों में टॉप 10 में तीन महिलाएं हैं। अनु कुमारी के अलावा कोय़ा श्री हर्षा और सौम्या शर्मा भी टॉप-10 में रहीं।
दिलचस्प यह है कि लगातार तीन साल से महिला उम्मीदवार ही टॉप कर रही थी। 2016 में के।आर। नंदिनी, 2015 में टीना डाबी और 2014 में इरा सिंघल ने टॉप किया था। इस बार हैदराबाद के अनुदीप दुरिशेट्टी ने लड़कियों को पछाड़ दिया है। जानकारी के लिये बता दें कि इस बार के नतीजों में जनरल कैटेगरी से 476, ओबीसी से 275, एससी से 165 और एसटी से 74 उम्मीदवार चुने गए। वहीं इसमें 52 मुस्लिम नाम भी शामिल हैं।
बताते चलें कि 2017 में, 51 मुसलमानों, 2016 में 36, ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जबकि 2015 में यह संख्या 38 थी, 2014 में 34 और 2013 में 30 थी। हालांकि मुसलमानों की कुल आबादी का 13.4% है, लेकिन वे शिक्षा और संसाधनों की कमी के कारण अक्सर शीर्ष सरकारी सेवाओं में बहुत कम प्रतिनिधित्व करते हैं। सिविल सेवाओं में लगभग 2% मुस्लिम ही हैं।
गौरतलब है कि बीते साल यूपीएससी के नतीजों में अंडर 100 में दस मुसलमानों का चयन हुआ था जिसमे ज्यादा संख्या कश्मीर छात्र छात्राओं की थी, बीते साल 12 कश्मीरी मुसलमानों ने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। उससे पहले 2016 में 36 मुस्लिम छात्र छात्राओं ने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। इनमें अतहर आमिर सेकेंड टॉपर रहे थे। इस साल के नतीजों में खास बात यह थी कि ऑटो ड्राईवर के बेटे अंसार शेख ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया था और सबसे कम उम्र (21 साल) में उन्होंने इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया था। (साभार वसीम अकरम त्यागी)
अम्बेडकरनगर जनपद के थाना सम्मनपुर मछली गाँव निवासी हसीन ज़हरा ने भी यूपीएससी में 87वीं रैंक प्राप्त कर जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है।